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आपके विचारों से मै सहमत हूँ। संस्कारों के पतन से और सामाजिक मूल्यों के हनन् से उत्पन्न स्थिती व्याप्त विषमता के लिये दोषी है। समाजिक चेतना जागृति से ही इसमे सुधार लाया जा सकता है। इसके लिये जन जन मे दृढ़ सकल्प भाव आवश्यक है।

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