जिन्हे हम दिलो जाँ लुटा बैठे। उन्ही के हाथों चाक ए गिरेबाँ करा बैठे। इज़हारे अन्दाज़ का श़ुक्रिया!
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जिन्हे हम दिलो जाँ लुटा बैठे।
उन्ही के हाथों चाक ए गिरेबाँ करा बैठे।
इज़हारे अन्दाज़ का श़ुक्रिया!