झाँकते फिरते हो ग़ैरों के ग़िरेबाँ मेंं अपने दाम़न पर लिये दाग़ किसलिए। श़ुक्रिया !
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झाँकते फिरते हो ग़ैरों के ग़िरेबाँ मेंं अपने दाम़न पर लिये दाग़ किसलिए।
श़ुक्रिया !