ये अज़ीब इत्तेफ़ाक है कु़सूर तेरी आँखों की म़य का है।ज़माने मे बदग़ुमां होता है ये मय़ और ये पैम़ाना। शुक्रिया
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ये अज़ीब इत्तेफ़ाक है कु़सूर तेरी आँखों की म़य का है।ज़माने मे बदग़ुमां होता है ये मय़ और ये पैम़ाना।
शुक्रिया