Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

ज़िन्दगी मे जब रिश्ते नासूर बन जाते हैं । आदमी के गैरत को दबाकर उसका जीना दुश्वार बना जाते हैं ।
आपके सोज़े ग़म का इज़हार मौजूदा हालत पर सटीक
बैठता है।
आपकी कोशिश का शुक्रिया !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

हार्दिक आभार आदरणीय ??

Loading...