Anoop 'Samar'
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21 Nov 2019 01:39 PM
Shukriya SIR
Shukriya SIR
जब भी बढ़ता हूँ रहगुज़र पर बैचेंन निगाहें तुझ हमसफ़र को ढूँढती हैं ।
शुक्रिया !