जी आपकी रचना पढ़ी बहुत अच्छी लगी परन्तु कुछ त्रुटि सुधार करें तो बेहतर होगा ! जैसे हूं को हूँ लिखें , श्मशान को सुधारें ,मजाक को मज़ाक करें ,स्त्री व पुलिंग का ध्यान रखें ! कृपया इसे अन्यथा न लें ! मेरी अशेष शुभकामनाएं। सादर ‘एकलव्य’ VOTED
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जी आपकी रचना पढ़ी बहुत अच्छी लगी परन्तु कुछ त्रुटि सुधार करें तो बेहतर होगा ! जैसे हूं को हूँ लिखें , श्मशान को सुधारें ,मजाक को मज़ाक करें ,स्त्री व पुलिंग का ध्यान रखें ! कृपया इसे अन्यथा न लें ! मेरी अशेष शुभकामनाएं। सादर ‘एकलव्य’ VOTED