Yogendra pal
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6 Nov 2018 05:19 PM
भाई आपकी राय पसंद है,मगर मुझे अफसोस हे कि हिंदी की वैज्ञानिकता जानते हुए भी मोबाइल में ऐप ना होने की वजह से त्रुटि हुई हैं।
जी प्रणाम,आपकी रचना पढ़ी अत्यंत प्रभावी लगी ! परन्तु क्षमा करें एवं त्रुटि सुधार करें ! जैसे जब-जब ऐसे लिखें, बंदन को वंदन करें तो बेहतर होगा ,पृथ्वी लिखें ,डाटा को डाँटा लिखें ,ज्ञान ,ध्यान ,विज्ञान इनके बीच (,) कमा लगाएं ,! बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने। कृपया इसे अन्यथा न लें ! अशेष शुभकामनाएं , सादर ‘एकलव्य VOTED