मेरे कान नहीं मेरा दिल सुनता है तुम्हारे कदमों की आहट को। हृदय कपाट हैं खुले सदा तुम्हारी याद के स्वागत को।।
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मेरे कान नहीं मेरा दिल सुनता है
तुम्हारे कदमों की आहट को।
हृदय कपाट हैं खुले सदा
तुम्हारी याद के स्वागत को।।