सच कौन जाने कौन जाने झूठ क्या है, हम राह के ऐतबार में रहे जाने कब चौराहे बन गए।
तुकबन्दी का उत्तम प्रयोग किया है आपने। साभार
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सच कौन जाने कौन जाने झूठ क्या है,
हम राह के ऐतबार में रहे जाने कब चौराहे बन गए।
तुकबन्दी का उत्तम प्रयोग किया है आपने।
साभार