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आपकी रचना पढ़ी बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने अतः आपको अपना वोट देता हूँ। परन्तु कुछ त्रुटि सुधार करें तो उचित होगा। जैसे लज्ज़त लिखें ,नुक्ता सम्बन्धी और भी कई मात्रा की त्रुटियाँ हैं जिसे आप स्वयं मंथन करें ,इसे अन्यथा न लें ! स्नेह ‘एकलव्य’

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4 Nov 2018 11:13 AM

आपका बहुत बहुत शुक्रगुज़ार हूँ जी आपकी सलाह मायने रखती है।
टंकण सम्बन्धी सुधार कर दिया गया।
जी फिर से बहुत बहुत शुक्रिया!
?

स्वागत है ! VOTED

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