आपकी रचना पढ़ी बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने अतः आपको अपना वोट देता हूँ। परन्तु कुछ त्रुटि सुधार करें तो उचित होगा। जैसे मर्ज को मर्ज़ करें ,बच्चो को बच्चों करें ,धुपहरी को दुपहरी करें ,मे को में करें ,छाह को छाँव करें ,और भी कई मात्रा की त्रुटियाँ हैं जिसे आप स्वयं मंथन करें ,इसे अन्यथा न लें ! स्नेह ‘एकलव्य’
आपकी रचना पढ़ी बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने अतः आपको अपना वोट देता हूँ। परन्तु कुछ त्रुटि सुधार करें तो उचित होगा। जैसे मर्ज को मर्ज़ करें ,बच्चो को बच्चों करें ,धुपहरी को दुपहरी करें ,मे को में करें ,छाह को छाँव करें ,और भी कई मात्रा की त्रुटियाँ हैं जिसे आप स्वयं मंथन करें ,इसे अन्यथा न लें ! स्नेह ‘एकलव्य’