Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

आपकी रचना पढ़ी बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने अतः आपको अपना वोट देता हूँ। परन्तु कुछ त्रुटि सुधार करें तो उचित होगा। जैसे है को हैं लिखें ,ओर को और लिखें ,बच्चो को बच्चों करें ,पूछे को पूँछे करें ,खुसी को खुशी करें , ,इसे अन्यथा न लें ! स्नेह ‘एकलव्य’

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
Loading...