आपकी रचना पढ़ी बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने अतः आपको अपना वोट देता हूँ। परन्तु कुछ त्रुटि सुधार करें तो उचित होगा। जैसे न्योछावर को न्यौछावर करें ,बीन को बिन करें ,राष्टीय को राष्ट्रीय करें ,और उसमे को उसमें करें ,दुनियां को दुनिया करें ,इसे अन्यथा न लें ! स्नेह ‘एकलव्य’
आपकी रचना पढ़ी बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने अतः आपको अपना वोट देता हूँ। परन्तु कुछ त्रुटि सुधार करें तो उचित होगा। जैसे न्योछावर को न्यौछावर करें ,बीन को बिन करें ,राष्टीय को राष्ट्रीय करें ,और उसमे को उसमें करें ,दुनियां को दुनिया करें ,इसे अन्यथा न लें ! स्नेह ‘एकलव्य’