Dr Archana Gupta
Author
23 Jul 2016 06:45 PM
हार्दिक आभार आपका
सिखाया था जहाँ चलना पकड़कर उँगलियाँ मेरी
निकलती हूँ वहाँ से जब रुलाती वो गली पापा ….. मार्मिक रचना …. बधाई सम्मानित अर्चना जी .