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आपकी रचना प्रभावी है परन्तु चंद त्रुटियों को दूर करें ,जैसे समेटूं को समेटूँ करें,खरीदूं को खरीदूँ करें ,ढाढस को ढांढस/ढाँढस करें , कृपया इसे अन्यथा न लें ! मेरी अशेष शुभकामनाएं ,सादर ‘एकलव्य’ ‘

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3 Nov 2018 03:14 PM

बहुत-बहुत धन्यवाद् एकलव्य जी ।
आभार आपका मैं आपके सुझावों पर अवश्य ध्यान दूंगी ।?

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