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आपकी रचना प्रभावी है परन्तु चंद त्रुटियों को दूर करें ,जैसे मुझमें एक साथ लिखें ,बनकर/बनके जो भी लिखें एक साथ लिखें ,छावं को छाँव करें ,सिया को सिला करतीं तो बेहतर होता ,करके एक साथ लिखें ,अहसास को एहसास करें ,नें को ने करें , कृपया इसे अन्यथा न लें ! मेरी अशेष शुभकामनाएं ,सादर ‘एकलव्य’ ‘

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एकलव्य जी धनतेरस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं आपको, और आपका बहुत बहुत धन्यवाद , आपने सही मार्गदर्शन किया ???

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