Sumit Singh
Author
6 Nov 2018 11:32 AM
बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय आपका सुझाव स्वागत योग्य है यद्यपि वर्तमान लिपि में अनुनासिक का प्रयोग लुप्तप्राय है व उसके स्थान पर अनुस्वार का ही प्रयोग हो रहा है परंतु यह एक त्रुटि तो है ही
Sumit Singh
Author
30 Nov 2018 12:19 PM
आपको भी मेरा वोट सादर समर्पित
आपकी रचना प्रभावी है परन्तु चंद त्रुटियों को दूर करें ,जैसे आँसू करें ,पौंछे करें ,हूं को हूँ करें ,करूं को करूँ करें तो बेहतर होगा ,हंसती को हँसती करें तो बेहतर होगा , कृपया इसे अन्यथा न लें ! मेरी अशेष शुभकामनाएं ,सादर ‘एकलव्य’ ‘