मां जब प्यार करती है तब बच्चे उसे पसन्द नहीं करते एकलव्य जी यही विडम्बना है नियति की।
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सत्य कहा आदरणीया ममता जी। रचना वाचन हेतु आपका विशेष आभार। सादर ‘एकलव्य’
मां जब प्यार करती है तब बच्चे उसे पसन्द नहीं करते एकलव्य जी यही विडम्बना है नियति की।