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16 Jul 2016 09:49 PM

वाह ! सुंदर गीत हुआ है आदरणीया अर्चना गुप्ता जी. मुखड़ा तो बहुत ही सुंदर बन पडा है. किन्तु //अश्क भर आँखों में आते याद कर मनमीत को जब//यह पंक्ति कुछ गड़बड़ हो गई है. सादर.

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