आपकी रचना पढ़ी मुझे भावुक कर गई ! बहुत ही सुन्दर ,क्षमा करें कुछ त्रुटि सुधार करें ! चाहूँ और आँसू ऐसे लिखें ,बनकर एक साथ लिखें,कई स्थानों पर आज्ञा सूचक (!)चिन्हों की कमी खलती है ,जाऊं को जाऊँ करें ,लगकर एक साथ लिखें,हूं को हूँ करें,कृपया इसे अन्यथा न लें ! स्नेह ‘एकलव्य’
आपकी रचना पढ़ी मुझे भावुक कर गई ! बहुत ही सुन्दर ,क्षमा करें कुछ त्रुटि सुधार करें ! चाहूँ और आँसू ऐसे लिखें ,बनकर एक साथ लिखें,कई स्थानों पर आज्ञा सूचक (!)चिन्हों की कमी खलती है ,जाऊं को जाऊँ करें ,लगकर एक साथ लिखें,हूं को हूँ करें,कृपया इसे अन्यथा न लें ! स्नेह ‘एकलव्य’