Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

वाह! लाजवाब मार्मिक व हृदयस्पर्शी रचना।।
पर मान्यवर अंतिम पलों में कुछ अधूरा सा रह गया।
माननीय अन्यथा न ले तो इसे थोड़ा औऱ विस्तृत करें।।?।।

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
2 Nov 2018 08:32 PM

धन्यवाद आदरणीय,इस प्रतियोगिता में २० पंक्तियों की सीमा है यदि आप मेरी विस्तृत रचनाएं पढ़ना चाहतें हैं तो मेरे चर्चित ब्लॉग ‘एकलव्य’ पर प्रस्थान करें ! सादर ‘एकलव्य’

अवश्य ही पढ़ना चाहूँगा।।

Loading...