आदरणीय Manju जी, आश्चर्य है सौ से अधिक पाठकों को कविता पसंद आई, परंतु आपकी ओर से किसी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं आई। यदि वोट नहीं देना, लाइक नहीं करना तो कोई बात नहीं, कविता में कोई सुधारात्मक टिप्पणी तो की ही जा सकती है। यदि हमें पता चल जाए कि कहां सुधार करना है तो हमें भी सीखने समझने को मिल सकेगा। विश्वास है आपका सहयोग और मार्गदर्शन अवश्य ही प्राप्त होगा। शुभकामनाओं एवं आशीर्वाद के सदैव आकांक्षी
आदरणीय Manju जी, आश्चर्य है सौ से अधिक पाठकों को कविता पसंद आई, परंतु आपकी ओर से किसी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं आई। यदि वोट नहीं देना, लाइक नहीं करना तो कोई बात नहीं, कविता में कोई सुधारात्मक टिप्पणी तो की ही जा सकती है। यदि हमें पता चल जाए कि कहां सुधार करना है तो हमें भी सीखने समझने को मिल सकेगा। विश्वास है आपका सहयोग और मार्गदर्शन अवश्य ही प्राप्त होगा। शुभकामनाओं एवं आशीर्वाद के सदैव आकांक्षी