वाहह्ह्ह् परदीप तुम्हारी कलम कई धार ईतनी पेनी है कई कइसी को भी हि ला दे।व्आह्ह्ह
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वाहह्ह्ह् परदीप तुम्हारी कलम कई धार ईतनी पेनी है कई कइसी को भी हि ला दे।व्आह्ह्ह