Mukta Tripathi
Author
24 Nov 2018 10:01 PM
आदरणीय आपके शब्दों के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ।
और वोट के लिए भी ।
ईश्वर की अनुपम सौगात है माँ,
सृष्टि के कण-कण में व्याप्त है माँ |
चाहो तो दिल चीर कर दिखा दूँ,
हर स्पंदन में संव्याप्त है माँ |
हृदय का हर स्पंदन जिसका ऋणी हो उस माँ पर कुछ लिखना, उसके असीम व्यक्तित्व को शब्दों में सीमाबद्ध करना बिलकुल असंभव है | आपके प्रयास को मैं नमन करता हूँ | मेरा भोट स्वीकार करें |