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18 वा स्वीकार करें मेरी तरफ से, आपकी रचना अद्भुत है, लयात्मक है, आप विश्वास नहीं करोगे मैने इस सुंदर गजल को 5 बार दोहरा चुकावहूं, वाचन कर चुका हूं, आत्मीय बधाई स्वीकार करें…. सादर,,,,, लगा कमजोर जो भाई माँ उसके पास जा बैठी… आपने भावुक बना दिया,,, सच में आपकी कलम को प्रणाम उस मां को प्रणाम जिसने आपको जन्म दिया मेरा नमन स्वीकारें….
मेरी रचना पसंद आये तो वोट करने के लिये आप आमंत्रित है, विचक्षण दृष्टिपात जरूर करें… मेरी विनती है

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अहा अहा…
मुक्कमल हो गया अब हज, मेरी माँ मुस्कुराई है…. सुंदर लाजवाब

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