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अहा अहा अहा अहा…. जितना बोलूं कम है… क्या अद्भुत छंद है, नमन आपको…. आत्मीय बधाई… वाक्यं रसात्मकं काव्यं आपने चरितार्थ कर दिया.. माँ की वंदना करके…. 23वा वोट मेरी तरफ से आपको…. अगर और वोट करने का अधिकार होता तो मैं और कर देता.. सच में, इस सुंदर लयात्मकता लिये आह्लादित करने वाले भाव… सच कहूं तो आपकी रचना सुंदर भावनाओं का झर झर बहता उत्स है जिसमें मैने डुबकी लगा ली है… पुन: प्रणाम.. आपकी कविता को 1000वोट मिले वो भी कम ही हैं..यथार्थत:….. मैम निवेदन सहित… मेरी कविता पर भी विचक्षण दृष्टिपात कर अपना स्नेह रूपी वोट जरूर करें सादर धन्यवाद सहित नमन आपको

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