56वा वोट स्वीकार करें, आपकी कविता.. पूर्णरूपेण भावुक बना गई, गहरी संवेदना उकेरी है… मन भर आया, माँ याद हो आई….आखें नम हैं… कुछ भी बोलने को लब सिल रहें है बस नैन छलक रहे हैं… सुंदर कविता के लिये आत्मीय बधाई स्वीकारें…. मंगलकामना सहित रात्रि प्रणाम….
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Ji aap aaye meri kavita pada saraha isse badi or khushi ki kya baat hogi. Dhanaywad aapka
56वा वोट स्वीकार करें, आपकी कविता.. पूर्णरूपेण भावुक बना गई, गहरी संवेदना उकेरी है… मन भर आया, माँ याद हो आई….आखें नम हैं… कुछ भी बोलने को लब सिल रहें है बस नैन छलक रहे हैं… सुंदर कविता के लिये आत्मीय बधाई स्वीकारें…. मंगलकामना सहित रात्रि प्रणाम….