मैं दुश्मन नहीं जो तुमसे बदला लेती हूँ, मैं मोहब्बत हूँ जो तेरे दिल में रहती हूँ ।।
दूर रहते हो मुझसे जैसे मैं कोई फसाना हूँ, पास आते नहीं जैसे मैं प्रेम नहीं बहाना हूँ।।
कितना तड़फती हूँ मैं तेरी जुदाई में, कैसे समझोगे तुम तो लगे रहते हो बस पढ़ाई में ।।
पास आकर फूल की मुश्क लेना कोई तुमसे सीखे, तुम तो भौंरे हो क्या फिक्र तुमको कोई दिल हारे या जीते ।।
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मैं दुश्मन नहीं जो तुमसे बदला लेती हूँ,
मैं मोहब्बत हूँ जो तेरे दिल में रहती हूँ ।।
दूर रहते हो मुझसे जैसे मैं कोई फसाना हूँ,
पास आते नहीं जैसे मैं प्रेम नहीं बहाना हूँ।।
कितना तड़फती हूँ मैं तेरी जुदाई में,
कैसे समझोगे तुम तो लगे रहते हो बस पढ़ाई में ।।
पास आकर फूल की मुश्क लेना कोई तुमसे सीखे,
तुम तो भौंरे हो क्या फिक्र तुमको कोई दिल हारे या जीते ।।