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अति सुंदर ।
छीन रहा है चैन आज ये अंबर नीला । यानि प्रकृति के सहज सौन्दर्य के प्रति समर्पण व्यक्त करती यह पँक्ति बहुत ही अनूठी है अर्चना जी ।
सुंदर कुण्डलियॉ रचने के लिए आपका साधुवाद ।

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