सुर नर मुनि जन की एहि नीती। स्वारथ लाग करहिं सब प्रीती।। (मानस जी)
You must be logged in to post comments.
सुर नर मुनि जन की एहि नीती।
स्वारथ लाग करहिं सब प्रीती।। (मानस जी)