एक उत्कृष्ट काव्य संग्रह है, जो मनुष्य के अंतर्मन की गहराइयों और मौन के भीतर छिपी भावनाओं को उजागर करता है। यह पुस्तक मौन की शक्ति और उसके भीतर छिपे संघर्ष, प्रेम, पीड़ा और आत्म-चिंतन को बखूबी प्रस्तुत करती है।मनोरथ महाराज की लेखनी सरल होते हुए भी गहरी और प्रभावशाली है, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर करती है। उनकी कविताओं में जीवन की सच्चाईयों का सजीव चित्रण है, जो दिल को छू जाता है और आत्मा को झकझोर देता है। “चुप्पी का शोर” न केवल शब्दों का संग्रह है, बल्कि यह जीवन की अनकही भावनाओं और मौन के भीतर की गूंज का सजीव अनुभव है।
एक उत्कृष्ट काव्य संग्रह है, जो मनुष्य के अंतर्मन की गहराइयों और मौन के भीतर छिपी भावनाओं को उजागर करता है। यह पुस्तक मौन की शक्ति और उसके भीतर छिपे संघर्ष, प्रेम, पीड़ा और आत्म-चिंतन को बखूबी प्रस्तुत करती है।मनोरथ महाराज की लेखनी सरल होते हुए भी गहरी और प्रभावशाली है, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर करती है। उनकी कविताओं में जीवन की सच्चाईयों का सजीव चित्रण है, जो दिल को छू जाता है और आत्मा को झकझोर देता है। “चुप्पी का शोर” न केवल शब्दों का संग्रह है, बल्कि यह जीवन की अनकही भावनाओं और मौन के भीतर की गूंज का सजीव अनुभव है।