Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2024 01:53 PM

हो तुम किस ख्यालों में डूबे।
समंदर की लहरों से हम लड़ रहे हैं।
आप हो की खुद की उलझनों तड़प रहे हो।
ये बताओ कही मेरे ही चाहत में आप तो नही हो।
जो कहने चाहते हुए भी जज्बातों को छिपा रहे हो।

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
Loading...