एक अबोध बालक साहित्य सृजन और सरोकारवाला हर रचना कार एक विशिष्ट पहचान रखता है समय समझ और सदगुण साधना के यंत्र मंत्र तंत्र हैं उनका निर्वहन कर तभी साहित्यकार बनता है।
You must be logged in to post comments.
एक अबोध बालक
साहित्य सृजन और सरोकारवाला हर रचना कार एक विशिष्ट पहचान रखता है समय समझ और सदगुण साधना के यंत्र मंत्र तंत्र हैं उनका निर्वहन कर तभी साहित्यकार बनता है।