कविता की आत्मा को केवल भाव से प्राण प्रतिष्ठा की जाती है यही कविता को जिंदा रखती है_ मैंने आपकी कविता से सीखा है।
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कविता की आत्मा को केवल भाव से प्राण प्रतिष्ठा की जाती है यही कविता को जिंदा रखती है_
मैंने आपकी कविता से सीखा है।