ईश्वर दयाल गोस्वामी
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7 Feb 2024 05:59 PM
अद्भुत
अद्भुत
बहुत बनाये रिश्ते, और बन भी गए।
पर आत्मा एक न हुई,
इसलिए सब रूठे हुए है।।
कितना संभालें दर्द भरे फब्बारे को,
क्या पता, ये कहाँ कहाँ से फूटे हुए हैं।।