आपकी लेखनी लिखती नहीं है, सर बोलती है ।लोगों को आगार करती हैं । आपकी ये दो लाइन मुझे बहुत अच्छी लगी, वाकई में हम किसी चीज की कद्र दो ही बार करते हैं ….”एक तो मिलने से पहले” दूसरी “खो देने के पश्चात” आपकी लेखनी आपकी सोच को सलाम सर इसके लिए आपको अनंत बधाइयां …!
आपकी लेखनी लिखती नहीं है, सर बोलती है ।लोगों को आगार करती हैं । आपकी ये दो लाइन मुझे बहुत अच्छी लगी, वाकई में हम किसी चीज की कद्र दो ही बार करते हैं ….”एक तो मिलने से पहले” दूसरी “खो देने के पश्चात” आपकी लेखनी आपकी सोच को सलाम सर इसके लिए आपको अनंत बधाइयां …!