Shakuntla Shaku
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16 Nov 2018 07:42 AM
जी बहुत बहुत आभार
माँ पर जब भी लिखने बैठती हूँ तो कलम रुकती ही नही हैं
आदरणीय आपकी रचना स्वागत योग्य है परंतु काव्य प्रतियोगिता के 20 पंक्तियों के नियम का पालन करती प्रतीत नहीं हो रही है। आप अभी भी एडिट में जाकर सुधार कर सकते हैं।
आदरणीय आपकी रचना सराहनीय है कृपया आप हमें वोट करने की कृपा कीजिए रचनाकार नहीं कोई भी रचना बड़ी होती है और माॅ से जैसे विषय पर लिखी रचना को आपका प्रोत्साहन मिलना जरूरी है विनम्र निवेदन कृपया अपने वोट का आशीर्वाद प्रदान करें। आशा है आपका वोट अवश्य प्राप्त होगा धन्यवाद आदरणीय ‘‘बस तेरा ही जयकारा है’’