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बहुत अच्छी कहानी है, पतिपत्नी और घर की बूढ़ी दादी माँ के दरम्यान रिश्ते जब स्वार्थ की पराकाष्ठा पर पहुंच जाते हैं तो बूढ़ी दादी माँ का निश्छल प्यार सामने आता है उसके पोता-पोती बनकर ।युवाओं में सम्वेदनाओं को समझने की शक्ति होती है। एक पाठक के रूप में इस कहानी के लिए धन्यवाद।पारिवारिक मूल्यों पर और अधिक लेखन हो,, शुभकामनाएं आदरणीया।

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18 Oct 2022 06:08 PM

आपके प्रेरक मैसेज के लिए हृदयतल से आभार!

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