Vaishnavi Gupta (Vaishu)
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12 Sep 2022 09:55 PM
बहुत खूबसूरत अंदाज़ उम्दा 👌👌👌🙏🙏
तुम खुद ही खुदा हो।
अपने आप से मिलो हर रोज़।
कौन किससे फिर जुदा है।
खुशियों के पल पेड़ पर बैठी चिडियों के चहकने में है बच्चों की खिलखिलाहट में है।
तारो और आसमां के चांदनी की रोशनी में है
तुम्हीं रुद्र हो खुद।
रखते हो जो सुध बुध।
हर कार्य करते सटीकता से रणनीति बनाकर।
धरा पर चमकेगा यश जिसका एक दिन वो ध्रुव तारा भी तुम्हीं हो।
तुम्हीं वर्षा की बूंद हो।
जो भी हो तुम्हीं खुद हो।