'अशांत' शेखर
Author
8 Sep 2022 03:28 PM
आपको सादर प्रणाम और बहोत बहोत दिल से शुक्रिया आभार आपके हौसला अफजाई भरे अल्फाज़ो के लिए heartily thanks 🙏🙏🙏💐💐💐
जुबाँ ठंडी पड़ी कही से कोई आवाज़ नहीं उठती
बेजान से रूह में खून के कतरे को ठहरते देखा है
वाह निशब्द कर दिया आपने 👌👌🙏🙏