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4 Sep 2022 08:28 PM

जब खुद से खुद हारोगे तो एक नई सिख पाओगे
प्रतिद्वंदी को हराने में आपकी जो धमक है रहने दो
वाह बहुत हीं शानदार, मंत्रमुग्ध कर गयी आपकी रचना 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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लोग खुद को खुद का प्रतिद्वंदी नही बनाते दुसरो के साथ हमेशा शर्तिया जिंदगी जीते है।बस वही एक विचार जेहन से कलम के द्वारा उतर आया धन्यवाद मनीषा जी 🙏🙏🙏

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