कोई चमच से खिलाएगा नहीं निवाला अपने हाथों से खाओ घोड़े की सवारी करके नहीं पहाड़ की चोटी खुद चढ़कर आओ।बेहतरीन शब्दों का चयन। हौसला को बढाती हुई ,बहुत ही सुंदर रचना👌👌🙏
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कोई चमच से खिलाएगा नहीं
निवाला अपने हाथों से खाओ
घोड़े की सवारी करके नहीं
पहाड़ की चोटी खुद चढ़कर आओ।बेहतरीन शब्दों का चयन। हौसला को बढाती हुई ,बहुत ही सुंदर रचना👌👌🙏