अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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26 Aug 2022 10:24 PM
शुक्रिया shreyashi
नाम: श्रेयसी दुबे
कक्षा: आठवीं ‘ब’
सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जैसे मालती ने बिना सोचे इतनी बड़ी शरारत इतनी बड़ी गलती कर दी हमें नहीं करनी चाहिए छोटा-मोटा मजाक या शरारत चलता है पर इतना बड़ा मजाक है हम पर भी भारी पड़ जाता है और दूसरों को भी उससे नुकसान हो सकता है तो कभी भी कोई मजाक करो यह शरारत ही क्यों ना करो ऐसी ना करो जैसे मालती ने की ऐसी करो की किसी को नुकसान भी ना हो और सब को अच्छा भी लगे क्योंकि जैसे मालती के साथ हुआ वैसे हमारे साथ भी हो सकता है।
धन्यवाद।