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21 Aug 2022 07:42 PM

आज की जिन्दगी की सत्यता को उजागर करती हुई रचना👌👌मेरी नजरो से इसे परिवर्तन तो नही कह सकते, हाँ मानवीय मूल्यों का हनन , संस्कारों का पतन,कह सकते है।🙏🙏🙏

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22 Aug 2022 08:08 AM

प्रतिक्रिया का धन्यवाद !

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