Taj Mohammad
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9 Aug 2022 08:35 PM
ये आपकी नज़र है जो मुझे पढ़ती है वर्ना मेरी कलम कहां इतनी कमाल है जितनी आपकी भाई। बहुत बहुत शुक्रिया इस हौसला अफजाई के लिए।
9 Aug 2022 09:29 PM
नहीं ताज भाई आप मेरे गुरु जैसे हो मुझे आपकी कलम के अलावा कोई पसंद नही आता सिर्फ मनीषा मैडम के कलम में दम लगता है बाकी तो खैर अपनी अपनी सोच
शिफा पा जाओगे बीमारे जिंदगी से।
काबा चलकर आबे जम जम पीते है।।5।।
दर्दों गम में जी रही है जो जिंदगियां।
आ उनके जख्मों का मरहम बनते है।।
वा क्या खूब आपके कलम ने अल्फाज़ो का कमाल दिखाया है लाजवाब बेहतरीन 👍👍👍💐💐💐