'अशांत' शेखर
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8 Aug 2022 01:01 PM
जी बहोत बहोत दिल से आभार शुक्रिया 🙏🙏🙏💐💐💐
दो मुठ्ठी में जितना समाया
उतना ही तो अपना समझा है
सत्यता की झलक दिखाती उम्दा रचना