अभी और भी सवाल पूछे जायेंगे।
जब हम दो हजार तीस तक जायेंगे।
दुनिया के ये सारे बंधन झूठे हैं।
पिता के लिए सारे रिश्ते रूखे हैं।।
ये परिवार, दुनियादारी बेकार है।
बीबी, बेटी, बेटा मतलब के यार है।।
माँ-बाप पर और होने अत्याचार हैं।
कलयुग के यही जायज व्यवहार है।
अभी और भी सवाल पूछे जायेंगे।
जब हम दो हजार तीस तक जायेंगे।
दुनिया के ये सारे बंधन झूठे हैं।
पिता के लिए सारे रिश्ते रूखे हैं।।
ये परिवार, दुनियादारी बेकार है।
बीबी, बेटी, बेटा मतलब के यार है।।
माँ-बाप पर और होने अत्याचार हैं।
कलयुग के यही जायज व्यवहार है।