गजल प्रस्तुत की आपने बहुत शानदार है, एक जगह पर त्रुटि है दुरुस्त करें. जैसे मुश्किलों से *जीतकर
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जी बहोत बहोत शुक्रिया आपके सुझाव के लिए वैसे तो वहाँ हारकर होना चाहिए पर वो उपहासात्मक है जीतकर भी सिकंदर नही मानते हम सिर्फ अपने जिद में इँसा का खून बहाया है
गजल प्रस्तुत की आपने
बहुत शानदार है,
एक जगह पर त्रुटि है
दुरुस्त करें.
जैसे मुश्किलों से *जीतकर