Taj Mohammad
Author
29 Jul 2022 09:10 AM
Sir आपने लिजा बहुत अच्छा पर ये comment है या कुछ और मैं समझा नहीं। थोडा सा ये क्लियर कीजिए हम पर कृपा होगी।
29 Jul 2022 10:37 PM
आपकी प्रस्तुति से मेरे हृदय में उद्-गार जो उठे उन्हे प्रस्तुत किया है।
Taj Mohammad
Author
29 Jul 2022 11:46 PM
बहुत बहुत शुक्रिया sir जी।
सांसों के तार पर धड़कन की ताल पर,
नग़मा सा कोई जाग उठा ज़ेहन में ,
झंकार सी कोई थरथरी है तन में ,
सोज़ -ए- दिल में इक असर जलता है ,
होते लबरेज़ गज़ल बन उभरता है ,
श़ुक्रिया !